" निकला हूँ तेरी तलाश में"
                 


शायद तुम रूठे हो
या हो गए हो गुम
भला बिन बताए
कोई कैसे चला जाता है
जन्म जन्मांतर वाला वादा
क्या अब याद नही आता है
क्या मिल गया कोई साथी नया
करती थी न तुम
मुझसे हर लम्हा बयां
अनगिनत सवालों के जवाब
अभी दफन है
मिल जाए किसी मोड़ पर
इसी आस में
निकला हूँ तेरी तलाश में


हूँ लापरवाह थोड़ा
मैंने माना है
पर तुम ही कहती थी
मुझे अच्छे से जाना है
हर नाकामी पर हँसता ज़माना था
उस वक्त हाथ थाम
तुमने ही संभाला था
हर सपना जुड़ा है तुम्हारे साथ
जुड़े तुमसे ही जज़्बात
तड़पे ये नैन
तेरे दीदार की प्यास में
निकला हूं तेरी तलाश में

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